Saturday 10 February 2018

भाग -1

  खण्ड 5 
      प्रभु भोज अथवा बेदी का सक्रामेन्त  
        बेदी का सक्रामेन्त क्या है ?
  बेदी का सक्रामेन्त हमारे प्रभु यीशु ख्रिस्त की सच देह और सच लोहू है, जो रोटी और दाखरस में हम ख्रिस्तियों के खाने और पीने के लिए ख्रिस्त ही से ठहराया गया है  ।
                   यह कहाँ लिखा है ? 
         सुसमाचार संत मत्ती (26:26 ), मरकुस (14:22),लुका (22:19),और पौलुस (1 कोरिन्थ 11:23) यों लिखते हैं, "हमारे प्रभु यीशु ख्रिस्त ने जिस रात वह पकड़वाया गया, उसी रात को रोटी ली और धन्यवाद करके तोड़ी और अपने शिष्यों को दिया और कहा, लो खाओ, यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिए दी जाती है, मेरे स्मरण के लिए यह किया करो ।"
         इसी रीति से बियारी के पीछे कटोरा भी लेके धन्य माना और उसे उन्हें दिया और कहा, " लो तुम सब इसमें से पियो, यह मेरा लोहू अर्थात नये नियम का लोहू है ,जो तुम्हारे और बहुतों के पापमोक्षण के लिए बाहाया जाता है । जब-जब तुम इससे पियो तब-तब मेरे स्मरण के लिए यह किया करो ।"
                          ऐसे खान-पान से क्या मिलता है ? 
     इसका उत्तर हम को इस वचन से मिलता है, की-"तुम्हारे लिये दिया और पापमोक्षण के निमित्त बाहाया जाता है ।", अर्थात इस वचन के द्वारा हमको इस सक्रामेन्त में  पापमोक्षण, जीवन, धार्मिकता और त्राण मिलता है, क्योंकि जहाँ  पापमोक्षण है, वहां जीवन और त्राण भी है ।
 
             इस शारीरिक खान-पान से क्योंकर बड़े कार्य हो सकते हैं ?
  नि;संदेह खान-पान तो ऐसा नहीं करता है, परन्तु यह वचन जो लिखा गया है की- "तुम्हारे लिए दिया और पापमोक्षण के निमित्त बाहाया जाता है " यह वचन शारीरिक खान-पान सहित इस सक्रामेन्त का सिर और सार है और इस   वचन के विश्वासी को वह प्राप्त होता है ,जो कहा और बताया जाता है, अर्थात पापों की क्षमा ।

  सक्रामेन्त ग्रहण करने के योग्य कौन हो सकता है ? 
      उपवास और शारीरिक तैयारी इत्यादि करना तो अच्छे बाहरी साधन है  । परन्तु वास्तव में योग्य और सुप्र्स्तुत वह है, जो इस वचन पर विश्वास करता है, की- "तुम्हारे लिये दिया और पापमोक्षण के निमित्त बहाया जाता है । "
          परन्तु जो इस वचन पर विश्वास नहीं करता अथवा संदेह रखता है, वह अयोग्य और अप्रस्तुत है, क्योंकि "तुम्हारे लिए" यह वचन ऐसा मन चाहता है जो विश्वास करता है । 

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